इन आँखों के पीछे
इन आँखों के पीछे कई राज़ हैं गहरे
इन अल्फाज़ो के पास कई नए इरादे
कुछ भी देख लेती हैं ये आँखे आजकल
फर्क ही नहीं भान पाती बेसमझ ये आँखे
तर्क करती हैं बेतहाशा हकीकत को मानती नहीं
कुछ यहाँ कुछ वहाँ बिखेर देती हैं राज़ ये कुछ मेरे
इन आँखों में आज भी बस्ती हैं परछाई उनकी
अलविदा जो कर गए हमे छोड़ गए बीच राह में
हवा के हवाले हम कर आये थे जिन्हे उस दिन
आग ने बेरहमी से मुहब्बत जो करनी थी जिनसे
इन आँखों के पीछे कई राज़ हैं गहरे
इन अल्फाज़ो के पास कई नए इरादे
आज फिर महकी हैं चमेली समां बाँध कर दे गयी
चाहे कितना बहलाया दिल को टूटे हुए टुकड़े से को
मचल सा गया हैं और माने न माने किसी भी बात को
आँखों से दोस्ती जो कर ली हैं इस दिल ने इन दिनों
ख्वाब और ख्याल की सीमाओं को भूल कर बस
लग गया हैं दिल आखों की बदमाश साजिश में
दूर से चला आया था इक साया सा वो अजनबी
हु ब हु चाल थी उनकी बस महज़ आवाज ही ना दी थी
आँखों ने कर दी थी बगावत दिल से दोस्ती जो के हैं
बदन ही ना चल सका दिल तो कब का गायब हैं इन दिनों